वाराणसी, सावित्री बाई फूले महिला पंचायत एवं मानवाधिकार जननिगरानी समिति/जनमित्र न्यास द्वारा वाराणसी के मलदहिया स्थित सरदार पटेल धर्मशाला में सावित्री बाई फुले की पुण्यतिथि 10 मार्च को भारतीय महिला मुक्ति दिवस के रूप में मनाया | सावित्री बाई फुले भारत की पहली शिक्षित महिला रही जिन्होंने अपने पति ज्योति बा फुले से शिक्षा ग्रहण कर लडकियों के लिए पहला स्कूल खोला (सन1848 में) लडकियों को शिक्षा देने के साथ साथ उन्होंने परित्यागता, विधवा, एकल महिलाओं के अधिकारो के लिए आवाज उठाई और पितृसत्तात्मक सामन्ती व्यवस्था को चुनौती देते हुए महिला अधिकारों की सशक्त पैरवी की | भारत में लडकियों के लिए शिक्षा की अलख जगाने और महिलाओं के मानवीय गरिमा और सम्मान की पैरोकार सावित्री बाई फुले की पुण्यतिथि को भारतीय महिला मुक्ति दिवस के रूप में मनाकर हम उनके संघर्षों को याद करते हुए संकल्प लेते कि महिलाओं के सशक्तिकरण एवं समग्र विकास के लिए सतत संघर्ष जारी रखेंगे | इसी क्रम में बदलते परिवेश में महिला अधिकारों की पुरजोर पैरवी के लिए पिछले एक पखवारा में अभियान चलाकर विभिन्न क्षेत्रों में महिलाओं के साथ कई अलग-अलग बैठकें, रैली सभाए की गयी | 10 मार्च को भारतीय महिला मुक्ति दिवस पर नवदलित महिला सम्मेलन किया गया जिसमें वाराणसी सहित पूर्वांचल के विभिन्न जिलो इलाहाबाद, सोनभद्र, चंदौली, जौनपुर, मिर्जापुर से लगभग 300 से अधिक महिलाये शामिल हुई|
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