· नीदरलैंड के श्री श्रद्धानन्द शीतल, संस्थापक व अध्यक्ष ग्लोबल ह्यूमन राईट्स डिफेन्स को “जनमित्र सम्मान” से सम्मानित किया गया |
· सामाजिक कार्यकर्ता श्री अशोक सिन्हा को “नव दलित” सम्मान से नवाजा गया |
· बच्चो ने सामाजिक कुरीतियों के ज्वलंत उदहारण पर आधारित तीन नुक्कड़ नाटक “एकता के स्वर”, “सिन्दूर नहीं शिक्षा”, “बाल शोषण” का मंचन किया |
मानवाधिकार जननिगरानी समिति ने 21 मार्च, 2016 को कबीरमठ, कबीरचौरा, वाराणसी में बालअधिकार और बाल भागीदारी की सशक्तिकरण के विषय पर संगोष्ठी का आयोजन किया गया | कार्यक्रम की शुरुआत बच्चो के स्वागत गीत द्वारा किया गया | इस कार्यक्रम में मुख्य अतिथि मनोज राय धूपचंडी, पूर्व मंत्री उत्तर प्रदेश सरकार, थे | इसके साथ ही विशिष्ट अतिथि के रूप में उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा यश भारती अवार्डी पंडित विकास महराज, उदय प्रताप कालेज के इतिहास विभाग के पूर्व विभाध्यक्ष डा0 महेंद्र प्रताप सिंह, मानवाधिकार जननिगरानी समिति की मैनेजिंग ट्रस्टी श्रुति नागवंशी, सिद्दीक हसन, इदरीश अंसारी, लाल बहादुर राम, संत गोपाल दास, बल्लभाचार्य और बाल पंचायत से पूजा, ज्योति, मनीष, याश्मिन और नंदिनी, सूरज उपस्थित रहे| कार्यक्रम की अध्यक्षता कबीर मठ के महंत संत विवेक दास जी ने किया |
इस कार्यक्रम में विभिन्न बाल पंचायत के बच्चो द्वारा सांप्रदायिक सद्भाव व साझा संस्कृति पर आधारित नुक्कड़ नाटक “एकता के स्वर” का मंचन किया गया वही दूसरी तरफ बाल विवाह की कुरीतियों पर आधारित नुक्कड़ नाटक “सिन्दूर नहीं शिक्षा”का मंचन भी बच्चो ने किया इसके साथ ही आज हमारे समाज में बाल यौन हिंसा और छेड़-छाड़ की बढ़ती घटनाओ को देखते हुए लोगो को जागृत करने के लिए बच्चो ने “बाल शोषण” नामक नाटक का मंचन किया |
कार्यक्रम की रूप रेखा रखते हुए डा0 लेनिन ने कहा कि श्री श्रद्धानन्द शीतल जी ग्लोबल ह्यूमन राईट्स डिफेन्स के संस्थापक और अध्यक्ष है | साथ ही आप नीदरलैंड के आर्थिक मामलो के मंत्रालय (Ministry of economic affairs, Nederland) में भी कार्यरत है सस्थ ही आप बहुत बड़े व्यापारी भी है | आप अपनी संस्था GHRD के माध्यम से दुनिया भर में मानवाधिकार की स्थापना के लिए काम कर रहे रहे है | इसके साथ ही इन्होने दक्षिण एशिया के देशो में खासकर भारत में जो समुदाय हाशिये पर उनके लिए बहुत कुछ किया है जिसके फलस्वरूप 2012 में श्री सीतल जी को सूर्या दत्ता राष्ट्रीय पुरस्कार से समानित किया गया था |
इसके पश्चात् नीदरलैंड के श्री श्रद्धानन्द शीतल, संस्थापक व अध्यक्ष ग्लोबल ह्यूमन राईट्स डिफेन्स को उनके अल्पसंख्यक व बहुलतावादी समाज को मजबूत बनाने के लिए किये गए प्रयासों के लिए मानवाधिकार जननिगरानी समिति द्वारा उन्हें“जनमित्र सम्मान” से नवाजा गया | साथ ही इस अवसर पर सामाजिक कार्यकर्ता श्री अशोक सिन्हा को “नव दलित” सम्मान से नवाजा गया |
इसके पश्चात् कार्यक्रम में मुख्य वक्ता मनोज राय धूपचंडी ने कहा कि हमें बड़ो की सभा में हमेशा आने जाने का अवसर मिलता है परन्तु बच्चो के साथ समय बिताने का जो अवसर आज मिला है मुझे अपना बचपन पुनः याद आ गया | हमारे बचपन में हम इतनी बाते न तो कर पते थे और न ही जानकारियाँ ही थी परन्तु आज इन बच्चो को बोलते देखकर मुझे बहुत प्रसन्नता हो रही है और मै ये दावे के साथ कह सकता हूँ कि जिस समाज में बच्चे इतने जागरूक और ज्ञानवान होंगे वो समाज हमेशा तरक्की करेगा |
इसी क्रम में उदय प्रताप कालेज के इतिहास विभाग के पूर्व विभाध्यक्ष डा0 महेंद्र प्रताप सिंह ने इस अवसर पर कहा कि किसी समाज और राष्ट्र के विकास में सबसे महत्वपूर्ण होता बच्चो को बचपना जीने के लिए स्वतन्त्र माहौल प्रदान करना जिससे उनके अन्दर तर्क वितर्क की शक्ति बढे और वो सही निर्णय लेने की भूमिका में आगे आ सके | आज इन बच्चो के विभिन्न गतिविधियों को देखकर यह स्पष्ट रूप से कहा जा सकता है कि ये बच्चे आगे चलकर समाज के विकास में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाने में निर्णायक होगे |
आगे वार्ता को जारी रखते हुए मानवाधिकार जननिगरानी समिति की मैनेजिंग ट्रस्टी श्रुति नागवंशी ने बच्चो की बाल भागीदारी पर चर्चा करते हुए बताया कि बच्चो की भागीदारी का मतलब बच्चो को केवल किसी कार्यक्रम में शामिल करना ही नहीं है बल्कि परिवार, समाज, राष्ट्र के द्वारा बच्चो से जुड़े किसी भी निर्णय को लेते समय उनकी भागीदारी पूर्णतः सुनिश्चित की जाय ताकि बच्चे उसमे अपनी राय, सहमती, असहमति और अपना निर्णय भी दे सके तभी सही मायने में बाल भागीदारी सुनिश्चित होगी और संयुक्त राष्ट्र बालाधिकार कन्वेंशन में जो बाल अधिकार के अन्तर्गत बच्चो को बालाधिकार दिए गए है उसकी चर्चा करते हुए बताया कि उसमे बाल भागीदारी सबसे महत्वपूर्ण हिस्सा है क्योकि यह बच्चो के सर्वांगीण विकास में अहम भूमिका निभाता है | जिससे वो समाज में अपना उचित योगदान देने में समर्थ होगा |
बाल पंचायत की सदस्य पूजा ने इस अवसर पर अपनी बात रखते हुए कहा कि आज वर्तमान समय में बच्चो के हित के संरक्षण के लिए जिस तरह से देश में क़ानून बन रहे है और जिस तरह से सरकार भी बाल सुरक्षा को लेकर संवेदित है उसे देखते हुए मुझे ऐसा लगता है कि आने वाले कुछ वर्षो में भारत में भी पूर्णतः सुरक्षा और देखभाल प्रदान की जा सकेगी |
कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे संत विवेक दास जी कबीर दास जी के इस दोहे से शुरू किया कि
“धीरे-धीरे रे मना, धीरे सब कुछ होय,
माली सींचे सौ घड़ा, ॠतु आए फल होय” ।
इसका अर्थ बताते हुए कहा कि मन में धीरज रखने से सब कुछ होता है | अगर कोई माली किसी पेड़ को सौ घड़े पानी से सींचने लगे तब भी फल तो ऋतु आने पर ही लगेगा ! इसी तरह जो गतिविधियाँ आज ये बच्चे कर रहे है उसे देखकर ऐसा प्रतीत हो रहा है कि जब ये बृक्ष की तरह खड़े होंगे तो समाज में छाया ही देंगे | अर्थात जब ये युवावस्था में अपनी नई जिन्दगी की शुरुआत करेनेगे तो ये एक ऐसे समाज को स्थापित करेंगे जहा नफ़रत के लिए कोइ जगह नहीं होगी और ऐसे में समाज में चारो तरफ अमन और शांति का वातावरण कायम होगा |
कार्यक्रम में अन्य वक्ताओ के रूप में अन्य साथियों ने अपनी बात रखी जिसमे प्रमुख रूप से लाल बहादुर राम, संत गोपाल दास, सिद्दीक हसन, इदरीश अंसारी, आनंद प्रकाश और मंगला राजभर ने बालाधिकार पर बच्चो को और जानकारियाँ दी |
इसके बाद मानवाधिकार जननिगरानी समिति के डा0 राजीव सिंह ने सभी को धन्यवाद देते हुए कार्यक्रम के समापन की घोषणा की | कार्यक्रम का संचालन सुप्रसिद्ध नाटककार एवं कवि व्योमेश शुक्ला ने किया |
इसके साथ ही कार्यक्रम में वाराणसी जिले के विभिन्न ब्लाको के साथ ही वाराणसी जिले के मुस्लिम बाहुल्य क्षेत्र बज़रडीहा से आये हुए लगभग 200 लोगो ने भागीदारी की जिसमे प्रमुख रूप से श्यामदुलारी, प्रेमा देवी, अमरावती देवी, कैलाश, मुन्ना, हीरा लाल, शाहजहाँ बेगम, अफरोज, सूरज, निर्मला, गुड्डी, पूजा, मनीष, ज्योति, पंडित विकास महराज, महेंद्र प्रताप सिंह, श्रुति नागवंशी, सिद्दीक हसन, इदरीश अंसारी, लाल बहादुर राम, संत गोपाल दास, बल्लभाचार्य, पूजा, ज्योति, मनीष, याश्मिन नंदिनी, सूरज इत्यादि लोग उपस्थित रहे |
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