काशी के गौरव को गौरान्वित करने वाली बहादुर बच्चियों और सामाजिक कार्यकर्ती को किया गया सम्मानित
काशी को गौरान्वित करने के लिए श्रुति नागवंशी, यास्मीन, नंदिनी और पूजा राजभर का 28 जनवरी, 2016 को वाराणसी के जगतगंज स्थित होटल कामेश हट में आल इण्डिया सेक्युलर फोरम, सेन्टर फॉर हार्मोनी एंड पीस और ग्राम्या संसथान के संयुक्त तत्वाधान में सम्मान समारोह कार्यक्रम आयोजित किया गया |
कार्यक्रम का संचालन करते हुए आल इण्डिया सेक्युलर फोरम के संयोजक डा0 मोहम्मद आरिफ ने सम्मान समारोह के आयोजन के विषय में बताते हुए कहा कि महिला सशक्तिकरण को बढ़ावा देने के लिए महिलाओ के न्याय पाने एवं महिला अधिकार को सुरक्षित करने के लिए महिला एवं बाल कल्याण केन्द्रीय मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा मानवाधिकार जननिगरानी समिति की मैनेजिंग ट्रस्टी श्रुति नागवंशी को पूरे भारत से 100 महिलाओ में चुने जाने एवं गणतंत्र दिवस परेड में भारत सरकार द्वारा विशेष अतिथि के रूप में आमंत्रित किये जाने पर फोरम ने विभिन्न संगठनो द्वारा मिलकर उनका सम्मान समारोह आयोजित किया |
आगे उन्होंने बताया कि इस सम्मान समारोह में मानवाधिकार जननिगरानी समिति द्वारा विभिन्न ब्लाको में गठित बाल पंचायत की परमंदापुर निवासिनी कुमारी यास्मिन और कुमारी नन्दिनी को उत्तर प्रदेश के माननीय मुख्यमंत्री द्वारा दिसम्बर, 2015 में “बाल संसद” में बुलाया गया था क्योकि वाराणसी में बाल पंचायत के माध्यम से इन बच्चियों ने बाल यौन हिंसा के खिलाफ आवाज उठाते हुए कुछ शोहदों को सलाखों के पीछे पहुचाया था | साथ ही अन्य ब्लाको में भी इस मुहीम को मानवाधिकार जननिगरानी समिति(पीवीसीएचआर) द्वारा गठित विभिन्न ब्लाको में बाल पंचायत में आगे बढ़ा रही है |
वचितों के हक़ की लडाई लड़ने और मवाधिकारो के लिए संघर्ष करने के क्षेत्र में अन्तराष्ट्रीय ख्याति पा कर सूबे का गौरव बढ़ने वाली श्रुति नागवंशी इस बार नयी दिल्ली के गणतंत्र दिवस परेड में भी अथिति के रूप में बुलाई गयी हैं. बीते 22 जनवरी को उन्हें भारत के राष्ट्रपति, प्रणब मुखर्जी ने राष्ट्रपति भवन में ‘बेटी बचाओ, बेटी पढ़ओ’ योजना की प्रथम वर्षगांठ के अवसर पर 100 सफल महिलाओं के लिए आयोजित लंच में भी आमंत्रित किया था.
मानवाधिकार जन निगरानी समिति के माध्यम से श्रुति दलितों, पिछड़ों, आदिवासी और समाज के कमजोर तबके के लिए बुनियादी सुविधाओं की लड़ाई में दो दशक से संघर्ष कर रही हैं।
15 जुलाई, 2015 को महिला और बाल विकास मंत्रालय के फेसबुक पृष्ठ पर # 100 महिला नाम से प्रतियोगिता की घोषणा की गई जिसके द्वारा 20 वर्गों में नामांकन आमंत्रित किए गए; जैसे महिलाओं और उनके अधिकारों की रक्षा करते हुए न्याय तक पहुंच, कृषि और पशुपालन, पशु कल्याण, कला और संस्कृति, वाणिज्य उद्योग और उद्यमिता, समुदाय एकजुटता,निशक्तता और पिछड़ापन, शिक्षा, पर्यावरण, वन और वन्यजीव, वैश्वीकृत होता भारत, स्वास्थ्य देखभाल और स्वास्थ्य,स्वच्छता और सफाई, बाल लैंगिक अनुपात सुधारना, नवान्वेषण विज्ञान और प्रौद्योगिकी, साहित्य, मीडिया, पोषण, खेल,सार्वजनिक जीवन में महिलाएं तथा महिला सशक्तीकरण। 20 वर्गों के अंतर्गत प्राप्त 474 नामांकनों से निर्णायक मंडल ने 200 नामित महिलाएं अल्पसूचीबद्ध की गईं। 200 अल्पसूचीबद्ध नामित महिलाओं के लिए 3 दिसम्बर 2015 से 30 दिसम्बर2015 तक जनमत करवाया गया जिसमें से 100 महिलाएं चुनी गईं।
वाराणसी की सुप्रसिद्द महिलाधिकार कार्यकर्ता श्रुतिनागवंशी व नाजनीन अंसारी भी इन 100 महिलाओं में शामिल थी.
श्रुति ने बताया कि रास्ट्रपति भवन में पहले महामहिम राष्ट्रपति के साथ फोटो सेशन और फिर फिर भोज का आयोजन हुआ. देश की चुनी हुयी 100 महिलाओ में मेधा पाटेकर ,तीजन बाई, रेस्क्यू फाउंडेशन की त्रिवेणी आचार्या, खिलाड़ी ज्वाला गुट्टा व पद्मश्री सुश्री सुनीता कृष्णन आदि प्रमुख लोग शामिल है.
श्रुति नागवंशी ने अपना अनुभव साझा करते हुए बताया कि वाराणसी जिले समेत उत्तर प्रदेश के विभिन्न जिलो में मानवाधिकार जननिगरानी समिति एवं सावित्री बा फूले महिला पंचायत द्वारा महिलाओ, वंचित, व विशेषकर बच्चो की जो बाल पंचायत को सशक्त करने के लिए पिछले दो दशको से लगातार प्रयास कर बच्चो के बाल पंचायत को मजबूत करते हुए सैकड़ो लडकियों के शिक्षा, स्वास्थ्य और बालाधिकार को सुनिश्चित करने का प्रयास किया | जिसके फलस्वरूप आज वाराणसी की महिला कार्यकर्ती को महिला एवं बाल विकास मंत्रालय द्वारा पूरे भारत से 100 महिलाओ में से चुना गया जिससे मै बहुत गौरान्वित हूँ | साथ ही सरकार द्वारा महिला अधिकार और महिला पहचान को सशक्त करने हेतु इस कदम से मुझे बहुत सम्बल मिला जिससे मै और बेहतर काम अपने जीवन में करने का प्रयास करूंगी |
इसके साथ ही मेरे लिए यह बहुत ही स्वर्णिम अवसर था जब अपने देश के महामहिम राष्ट्रपति व अन्य विशष्ट माननीयो एवं महिला अधिकार पर संघर्षशील 100 महिलाओ के साथ राष्ट्रपति भवन में भोज समारोह में शामिल होने का अवसर मिला |
इसके साथ ही श्रुति नागवंशी, कुमारी याश्मिन और कुमारी नन्दिनी को गणतन्त्र दिवस की परेड में भी निमंत्रण दिया गया था और ये बच्चिया श्रुति नागवंशी के साथ गणतंत्र दिवस परेड में शामिल हुई |
इसके अतिरिक्त कुमारी यास्मीन और कुमारी नन्दिनी ने अपने अनुभव साझा करते हुए बताया कि जब उन्हें गणतन्त्र दिवस के परेड में अतिथि के रूप में बुलावा का निमंत्रण मिला वह समय हमारे जीवन का सबसे खुशनुमा पल था | जो गणतन्त्र दिवस परेड को हम हमेशा टीवी पर देखते थे आज उसमे एक अतिथि के रूप में बैठकर जीवंत देखना हमारे लिए सबसे बड़ा पुरस्कार था, जो हम कभी नहीं भूलेंगे और जिस काम की वजह से हमें यह सम्मान मिला, उसे निरंतर आगे बढ़ाते रहेंगे |
इसके साथ ही वाराणसी जिले के मलीन बस्ती बघवानाला में बाल पंचायत की बच्चियों ने बाल विवाह के खिलाफ मुहीम छेड़कर बघवानाल में बाल विवाह बंद करवा दिया और पीवीसीएचआर द्वारा चलाये गए शैक्षणिक प्रक्रियाओ से आज वहाँ की बच्चिया आज यू पी कालेज से स्नातक कर रही है उसमे से ही एक बच्ची कुमारी पूजा को नार्वे सरकार द्वारा चलायी गए FK यूथ फेलोशिप दिया जा रहा है | इसके साथ कुमारी पूजा और दो अन्य आर्थिक रूप से कमजोर और शिक्षा को जारी रखने के दृढ निश्चय वाली लडकियों को ही साईकिल वितरण कर उनकी शिक्षा को आगे बढ़ाने हेतु प्रोत्साहित किया गया |
इस अवसर पर पूजा ने बताया कि जो आज मुझे FK यूथ फेलोशिप मिला है उससे मुझे शिक्षा और अपने अधिकारो के प्रति महत्व और समझ में आने लगा है | मैंने अपने जीवन में कभी नहीं सोचा था के मै कभी वाराणसी से बाहर भी जाउंगी पर मुझे काठमांडू व नार्वे जाने का अवसर मिला और वहाँ पर कई देशो के नवयुवको से जो मिलने, बात चीत करने और बहुत कुछ सीखने का अवसर मिला वो मेरे जीवन की अभी तक की सबसे बड़ी उपलब्धि थी और यह सब पीवीसेएचआर द्वारा अवसर प्रदान करने से संभव हुआ, जिससे मै आगे और भी कड़ी मेहनत करते हुए इस काम को आगे बढाउंगी जिससे मुझ जैसी और लडकिया आगे बढ़ सके | विदित है कि पीवीसीएचआर व इन्सेक नेपाल के संयुक्त तत्वाधान में एफ0 के0 फेलोशिप के तहत बघवानाला की पूजा के अलावा नेपाल के निर्मल व संगीता भट एवं भारत के दिलशाद खान को प्रशिक्षित किया जा रहा है
उपरोक्त सभी के इस उत्कृष्ट कार्य और काशी के गौरव को देशभर में गुंजायमान करने के लिए आल इण्डिया सेक्युलर फोरम, उत्तर प्रदेश के बैनर तले काशी की शान उन बहादुर बच्चियों याश्मिन, नन्दिनी, पूजा और सामाजिक कार्यकर्ती श्रुति नागवंशी का सम्मान किया गया |
सुप्रसिद्ध सामाजिक चिन्तक श्री राकेश रंजन त्रिपाठी ने श्रुति नागवंशी को “काशी पुत्री” की उपाधि देकर सम्मानित किया है | मानवाधिकार जांनिगरानी समिति के गवर्निंग बोर्ड के अध्यक्ष डा0 महेंद्र प्रताप सिंह ने श्रुति नागवंशी को विशेष प्रसस्ती पत्र देकर उन्हें सम्मानित किया |
कार्यक्रम के दौरान मानवाधिकार जननिगरानी समिति के दलितों व गाँव स्तर पर किये गए काम व लोगो की टेस्टीमनी पर आधारित पुस्तक “अँधेरा भारत” जिसे सुप्रसिद्ध लेखक रामजी यादव द्वारा लिखित अवन्तिका पब्लिकेशन व मानवाधिकार जननिगरानी समिति ने संयुक्त रूप से प्रकाशित पुस्तक का विमोचन भी किया गया |
इस अवसर पर विभिन्न सामाजिक कार्यकर्ता व सैकड़ो लोग सम्मिलित हुए |
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